
श्रीगंगानगर में शनिवार को न्यायालय परिसर में ऋण विवादों के निवारण के लिए विशेष प्री-लिटिगेशन लोक अदालत का आयोजन किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार बुरड़क की अध्यक्षता में आयोजित इस लोक अदालत में कुल 10 ऋण प्रकरणों का समाधान आपसी सहमति से किया गया।
इन प्रकरणों की समेकित राशि 43 लाख 95 हजार रुपए थी। यह आयोजन राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीगंगानगर के निर्देशानुसार तालुका विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में किया गया।
लोक अदालत के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक के विभिन्न ऋण खातों से संबंधित प्रकरणों को सुलह एवं समझौते के आधार पर निस्तारित किया गया। यह प्रक्रिया न्यायिक दक्षता, समय बचत तथा वाद निपटान की वैकल्पिक विधियों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक पहल रही।
लोक अदालत में तालुका विधिक सेवा समिति के सदस्य अधिवक्ता राजेश कुमार डाल, बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत, अधिवक्ता पवन अरोड़ा, रमेश चुग, अशोक कुमार बुलाना और तिलक राज चुघ की सक्रिय सहभागिता रही। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से मैनेजर प्रेम प्रकाश, मोहित बंग, विष्णु खंडेलवाल एवं राजेश कुमार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में तालुका विधिक सेवा समिति की सचिव ममता बिश्नोई एवं राजीव यादव ने समन्वय की भूमिका निभाई। इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी ने लोक अदालतों की उपयोगिता और त्वरित न्याय व्यवस्था में इनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने पक्षकारों को न्याय तक सरल, सुलभ एवं सस्ता माध्यम उपलब्ध कराने की दिशा में विधिक सेवा संस्थाओं की प्रतिबद्धता के बारे में भी बताया।